गुरुदेव ..
सोचती हु में , कौन हो तुम , अद्भुत ,अविश्वनीय और चमत्कार हो तुम,
इतना सुन्दर एहसास है तुमसे मिलने का, हे गुरुदेव हर जगह तुम्हे पाया;
गुरूजी तुम एक ज्योत हो में एक दिया मेरी ज़िन्दगी में उजाला तुमने ही लाया;
५ सूत्र बता ज़िन्दगी के डरो को दूर भगाया और इसे बेहतर बनाया;
तुमने इस दिल में भक्ति का अलख जगाया ;
हे ! रवि शंकर बना लो तुम मुझे अपना साया;
सत्संग ,सेवा और साधना तुमने सबमे जगाया ;
इस दुनिया को तुमने एक परिवार बनाया;
तुमने इतना प्यार दिया की अब ;
हे गुरूजी रोम रोम में तुम्हारा नाम समाया