Friday 10 February 2017





                                                       गुरुदेव ..



सोचती हु में , कौन हो तुम , अद्भुत ,अविश्वनीय और चमत्कार हो तुम,

इतना सुन्दर एहसास है तुमसे मिलने का, हे  गुरुदेव हर जगह तुम्हे पाया;

गुरूजी तुम एक ज्योत हो में एक दिया मेरी ज़िन्दगी में उजाला तुमने ही लाया;

५ सूत्र बता ज़िन्दगी  के डरो को दूर भगाया और इसे बेहतर बनाया;

तुमने इस दिल में भक्ति का अलख जगाया ;

हे !  रवि शंकर  बना लो तुम मुझे अपना साया;

सत्संग ,सेवा और साधना  तुमने सबमे जगाया ;

इस दुनिया को तुमने एक परिवार बनाया;

तुमने इतना प्यार दिया  की अब ;

हे  गुरूजी रोम रोम में तुम्हारा नाम समाया